Benifits of Labour Card ! श्रमिक कार्ड के फायदे। Full information by Royal Group

Spread the love
If you are looking for : श्रमिक  कार्ड के फायदे। Benifits of labour card, Labour Dipartment, Majdur Card, Shramik card ke fayde hindi me, Royal Group..

दोस्तों जैसे की आपको ज्ञात हैं की आज की इस पोस्ट में हम श्रम विभाग से होने होने वाले फायदों के बारे में बात करने वाले है की अगर आप भी एक मजदुर हो और आपके पास भी श्रमिक  कार्ड बना हुआ हैं तो आप उसका किस प्रकार से फायदा उठा सकते है।  और किस प्रकार से आप अपने Labour card से घर बैठे पैसे उठा सकते हो वो भी किसी को बिना वापिस दिए हुए।  तो दोस्तों इसके लिए आप इस पोस्ट को पढ़ते रहिये आपको सारी जानकारी इसी पोस्ट में मिल जाएगी। और हैं में इस पोस्ट में राजस्थान राज्य में श्रमिक  कार्ड के बारे में बताने वाला हूँ।

                श्रमिक  कार्ड के फायदे। Labour card benifit

वैसे तो श्रमिक  कार्ड के बहुत सारे फायदे होते है लेकिन आज की इस पोस्ट में आपको सबसे बढ़िया और ज्यादा फायदा देने वाले फायदों के बारे में ही तने वाला हूँ।
पहले हम थोड़ा Labour कार्ड के बारे में जान लेते है। ताकि इसे समझने में हमे आसानी हो जाये।
ये भी पढ़ें –     LoanWiser से लोन कैसे लें । 
Benifit of labour diparment in hindi
Labour

श्रमिक कार्ड क्या है ? What Is Labour Card ..

दोस्तों लेबर कार्ड राजस्थान सरकार के द्वारा मजदूरों के लिए चलाई गयी एक योजना हैं।  जिससे की सभी मजदूरों को सरकार की और से कुछ सहायता प्राप्त हो सके और सभी मजदुर अपना जीवन भी आसानी से चला सकें।
वैसे तो ये योजना पुरे भारत में सभी राज्यों में है लेकिन अलग – अलग नाम से हैं।



श्रर्मिक कार्ड की योजनाए व् उनके फायदे –

श्रमिक कार्ड की मुख्य्तः 8 प्रकार की योजनाए होती हैं लेकिन इनके आलावा भी बहुत सारी योजनाए इसमें आती ह  जिससे आपको अलग – अलग प्रकार से फायदे मिलते हैं।

1.  निर्माण श्रमिक जीवन व् भविष्य सुरक्षा योजना –

                 इस योजना की पात्रता –
1  मण्डल में हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत निर्माण श्रमिक हो।
2  हिताधिकारी के नाम में बैंक में बचत खाता हो।
3  हिताधिकारी के पास आधार कार्ड तथा भामाशाह कार्ड हो। (वैकल्पिक)
4 हिताधिकारी प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना        की सदस्यता हेतु पात्रता धारक हो तथा उसके द्वारा स्वयं के बचत बैंक खाते से इन योजनाओं या इनमें से           किन्हीं योजना के अंशदान/प्रीमियम राशि की कटौति किये जाने की सहमति सम्बन्धित बैंक को दी गई हो।
5 हिताधिकारी द्वारा स्वयं के बचत बैंक खाते के माध्यम से इन योजनाओं के वार्षिक अंशदान/प्रीमियम राशि की कटौति कराई गई हो।


                                  इस योजना के फायदे –
1 प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अन्तर्गत हिताधिकारी द्वारा स्वयं के बचत बैंक खाते से कटौती कराई गई        वार्षिक प्रीमियम राशि 12.00 रूपये  का शतप्रतिशत पुनर्भरण मण्डल द्वारा किया जायेगा।
2 प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अन्तर्गत पात्र हिताधिकारी द्वारा स्वयं के बचत बैंक खाते से कटौति        कराई गई वार्षिक प्रीमियम राशि 330.00 रूपये के 50 प्रतिशत, अर्थात् 165.00 रूपये का पुनर्भरण मण्डल         द्वारा किया जायेगा।
3 अटल पेंशन योजना के अन्तर्गत पात्र हिताधिकारी द्वारा स्वयं के बचत बैंक खाते से कटौति  कराई गई वार्षिक     अंशदान राशि में से, अटल पेंशन योजना के अन्तर्गत 1000 रूपये मासिक पेंशन प्राप्त करने के लिए औसत         वार्षिक अंशदान की 50 प्रतिशत, अर्थात् आधी अंशदान राशि का पुनर्भरण मण्डल द्वारा किया जायेगा।
                           इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया – 
1 हिताधिकारी द्वारा योजना के अन्तर्गत निर्धारित आवेदन-पत्र (प्रपत्र-1) में आवेदन पत्र भरकर स्थानीय श्रम कार्यालय अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी अथवा अन्य विभाग के अधिकारी के कार्यालय में निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत करना होगा।
2  आवेदन पत्र ऑनलाइन भी प्रस्तुत किया जा सकेगा।
3 आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की समयावधि- आवेदन पत्र, अंशदान या प्रीमियम राशि हिताधिकारी के बैंक बचत खाते से कटौति किये जाने के वित्तीय वर्ष की समाप्ति से, एक वर्ष की अवधि में किया जा सकेगा।



2.  निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना

                                 योजना की पात्रता –
1 मण्डल में हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत निर्माण श्रमिक होय
2 हिताधिकारी के पुत्र/पुत्री/पत्नि ही शिक्षा सहायता (छात्रवृत्ति) योजना के लिए पात्र होंगे;
3 हिताधिकारी की अधिकतम दो संतान अथवा एक संतान एवं पत्नी को ही छात्रवृत्ति प्राप्त करने की पात्रता होगी, परन्तु यदि पति-पत्नि दोनों पंजीबद्ध हिताधिकारी हों तो पति-पत्नि के अधिकतम दो बच्चों को छात्रवृत्ति की पात्रता होगी। परन्तु मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरस्कार के लिए कोई सीमा नहीं होगी;
4 कक्षा 6 से स्नातकोत्तर स्तर की कक्षा में सरकारी या केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी स्कूल या महाविद्यालय में नियमित रूप से अध्ययनरत हो; अथवा
5 राज्य में संचालित सरकारी या मान्य निजी आईटीआई एवं पॉलीटेक्नीक पाठ्यक्रम में नियमित अध्ययनरत हो;
6 मेधावी छात्र-छात्रा द्वारा नगद पुरस्कार प्राप्त करने के लिए कक्षा 8 से 12 वीं तक की परीक्षा 7 % अंक या समकक्ष ग्रेड में उत्तीर्ण की हो। डिप्लोमा,  स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षा में (चिकित्सा, इंजिनियरिंग या अन्य प्रोफेशनल परीक्षा सहित) 60 प्रतिशत या अधिक अंक या समकक्ष ग्रेड प्राप्त की हो/उत्तीर्ण की हो;
7 हिताधिकारी  की  पत्नि को  छात्रवृत्ति  की  पात्रता  के लिए उसकी  आयु 35 वर्ष से  अधिक न हो तथा षिक्षण संस्था में नियमित अध्ययनरत हो;
8 किसी वर्ष के लिए छात्रवृत्ति सुसंगत परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने पश्चात् ही देय होगी;



9 ग्रीष्म अवकाश के बाद शिक्षण/प्रशिक्षण संस्था खुलने पर छात्र/छात्रा द्वारा आगामी कक्षा में प्रवेश प्राप्त करने पर ही छात्रवृत्ति की पात्रता होगी। परन्तु 12वीं कक्षा, डिप्लोमा, स्नातक अथवा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की अन्तिम परीक्षा उत्तीर्ण करने की स्थिति में आगामी कक्षा में प्रवेष लेना आवष्यक नहीं होगा;
10 अधिनियम की धारा 17 तथा नियम, 2009 के नियम 45 के प्रावधानानुसार जो हिताधिकारी लगातार एक वर्ष की कालावधि तक अंशदान जमा नहीं  करता है तो वह हिताधिकारी नहीं रहेगा, अतः ऐसे अंशदान के जमा कराने में चूक करने वाले निर्माण श्रमिक के पुत्र/पुत्री/पत्नि को योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति देय नहीं होगी। परन्तु उपरोक्त धारा एवं नियम के परन्तुक के अधीन हिताधिकार पुनर्स्थापन (restoration) होने पर छात्रवृत्ति का भुगतान किया जायेगा।
                               योजना के फायदे –
 
छात्रवृति
1 कक्षा 6 -8
छात्र – रु 8000/-
छात्रा / विशेष योग्यजन – रु 9000/-
2 कक्षा 9 -12
छात्र – रु 9000/-
छात्रा / विशेष योग्यजन – रु 10000/-
3 आई टी आई
छात्र – रु 9000/-
छात्रा/ विशेष योग्यजन – रु 10000/-
4 डिप्लोमा
छात्र – रु 10000/-
  छात्रा/ विशेष योग्यजन – रु 11000/-
5 स्नातक (सामान्य)
छात्र – रु 13000/-
  छात्रा/ विशेष योग्यजन – रु 15000/-
6 स्नातक (प्रॉफेश्नल)*
छात्र – रु 18000/-
  छात्रा/ विशेष योग्यजन – रु 20000/-
7 स्नातकोत्तर (सामान्य)
छात्र – रु 15000/-
  छात्रा/ विशेष योग्यजन – रु 17000/-
8 स्नातकोत्तर (प्रॉफेश्नल)
छात्र – रु 23000/-
  छात्रा/ विशेष योग्यजन – रु 25000/-
मेधावी छात्र/छात्राओं को नकद पुरस्कार
1 कक्षा 8 से 10 – रु. 4000/-
2 कक्षा 11 से 12 – रु. 6000/-
3 डिप्लोमा – रु. 10000/-
4 स्नातक – रु. 8000/-
5 स्नातकोत्तर – रु. 12000/-
6 स्नातक (प्रॉफेश्नल) – रु. 25000/-
7 स्नातकोत्तर (प्रॉफेश्नल) – रु. 35000/-
                              योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया – 
 
1 प्रत्येक छात्र/छात्रा को छात्रवृत्ति पाने हेतु निर्धारित प्रपत्र (प्रपत्र-1) में आवेदन पत्र भरकर स्थानीय श्रम कार्यालय अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी/अन्य विभाग के अधिकारी के कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा।
2 निर्धारित समयावधि में आवेदन पत्र ऑनलाइन भी प्रस्तुत किया जा सकेगा।
3 आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की समयावधि- आवेदन पत्र कक्षा उतीर्ण करने की तिथि से अधिकतम् 6 माह की अवधि में अथवा तत्पश्चात् आने वाली 31 मार्च तक, जो भी बाद में हो, प्रस्तुत किया जा सकेगा।
4 उपरोक्तानुसार आवश्यक दस्तावेजों सहित प्रस्तुत आवेदन पत्रों के परीक्षण उपरांत स्थानीय श्रम कार्यालय के वरिष्ठतम अधिकारी अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी/अन्य विभाग के अधिकारी द्वारा स्वीकृति जारी कर छात्रवृत्ति हिताधिकारी के बैंक खाते में इलैक्ट्रोनिक माध्यम (आरटीजीएस/ एनईएफटी) से अथवा अकाउण्ट पेयी चैक के माध्यम से भुगतान की जायेगी।



3.  निर्माण श्रमिक सुलभ्य आवास योजना
                           योजना के फायदे –
 
1 हाउसिंग फॉर ऑल मिशन (अरबन) अथवा सरकार की अफोर्डेबल हाउसिंग योजना अथवा मुख्यमंत्री जन आवास योजना अथवा केन्द्र/राज्य सरकार की अन्य किसी आवास योजना के पात्र हिताधिकारियों को, संबंधित योजना के प्रावधानानुसार, मण्डल द्वारा अधिकतम् 1.50 लाख रूपये तक की सीमा में अनुदान देय होगा।
2 स्वयं के भूखण्ड पर आवास का निर्माण करने की स्थिति में अधिकतम् 5 लाख रूपये निर्माण लागत की सीमा में, वास्तविक निर्माण लागत का 25 प्रतिशत तक, जो भी कम हो, अनुदान देय होगा।
                                   योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया –
 
1 आवेदक को निर्धारित प्रपत्र (प्रपत्र-2) में आवेदन पत्र भरकर स्थानीय श्रम कार्यालय अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी या अन्य विभाग के अधिकारी के कार्यालय में निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत करना होगा;
2 आवेदन पत्र निर्धारित प्रपत्र में ऑनलाइन भी प्रस्तुत किया जा सकेगा;
3 आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की समयावधि- स्वयं के भूखण्ड पर आवास निर्माण तिथि से एक वर्ष की अवधि में, अथवा केन्द्र या राज्य सरकार की किसी आवास योजना में आवास प्राप्त करने की पात्रता होने के पश्चात् आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा
4 स्वयं के भूखण्ड पर आवास निर्माण की स्थिति में, आवश्यक दस्तावेजों सहित प्रस्तुत आवेदन पत्रों के परीक्षण उपरान्त, स्थानीय श्रम कार्यालय के वरिष्ठतम अधिकारी अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी या अन्य विभाग के अधिकारी, आवेदन प्राप्त होने के 60 दिवस में  यथोचित जांच कर, आवेदन के पूर्ण व सही पाए जाने तथा आवेदक के निर्माण श्रमिक होने का सत्यापन करने के उपरान्त, अनुदान स्वीकृति आदेष जारी करेंगे। अस्वीकृति की दषा में आवेदन कर्ता को उक्त अवधि में कारण सहित अवगत करायेंगे;
5 संबंधित स्वीकृतिकर्ता अधिकारी अनुदान स्वीकृति के पष्चात किसी भी समय आवेदक के अपात्र पाए जाने पर, यथोचित जांच उपरान्त आवास अनुदान/सहायता की भुगतान की गई राषि की वसूली संबंधित से ‘‘भू राजस्व के बकाया‘‘ की तरह कर सकेंगे;
6 केन्द्र अथवा राज्य सरकार की किसी आवास योजना में पात्र पाये गये हिताधिकारी को, संबंधित योजना की शर्तों के अनुसार, आवास आवंटित किये जाने और  अनुदान स्वीकृति के पष्चात किसी भी समय आवेदक के अपात्र पाए जाने पर स्वीकृतिकर्ता अधिकारी यथोचित जांच उपरान्त आवास अनुदान/ सहायता की भुगतान की गई राषि की वसूली संबंधित से ‘‘भू राजस्व के बकाया‘‘ की तरह कर सकेंगे।



                                  योजना की पात्रता –
 
1  मण्डल में कम से कम 1 वर्ष से हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत निर्माण श्रमिक हो तथा अंशदान जमा कराया गया हो;
2  हिताधिकारी के पास आधार कार्ड तथा भामाशाह कार्ड हो (वैकल्पिक);
3  यदि स्वयं के भूखण्ड पर आवास बनाता है तो भूखण्ड पर स्वयं का या पत्नी/ पति का मालिकाना हक हो तथा उक्त भूखण्ड/सम्पत्ति विवाद रहित, बंधक रहित हो;
4  वित्तीय संस्था/बैंक से ऋण लेने के अतिरिक्त, स्वयं की बचत या अन्य स्त्रोत से ऋण लेकर आवास का निर्माण करने की स्थिति में, आवास की अनुमानित निर्माण लागत का प्रमाणिकरण पंचायत अथवा नगर पालिका के कनिष्ठ अभियन्ता या उससे उच्च अभियन्ता से प्राप्त करना आवश्यक होगा;
5 हाउसिंग फार आल मिशन (अरबन) या सरकार की अर्फोडेबल हाउसिंग या मुख्यमंत्री जन आवास योजना या सरकार की अन्य किसी आवास योजना के अन्तर्गत आवास प्राप्त करने की निर्धारित शर्ते व पात्रता पूरी करता हो;
6 लाभार्थी के निर्माण श्रमिक/पंजीकृत हिताधिकारी होने की जांच/पुष्टि श्रम विभाग द्वारा की जायेगी तथा केन्द्र अथवा राज्य सरकार की किसी आवास योजना में आवास प्राप्त करने की पात्रता की जांच नगरीय विकास विभाग अथवा आवास योजना से संबंधित अन्य विभाग या एजन्सी द्वारा की जायेगी;
7 स्वयं की बचत से या बैंक वित्तीय संस्था के अतिरिक्त अन्य स्त्रोत से ऋण प्राप्त कर आवास निर्माण करने की स्थिति में, जहां नियमों में आवष्यक हो, स्थानीय ग्राम पंचायत/नगर पालिका/नगर निगम या अन्य राजकीय संस्थान से भवन का मानचित्र व ले-आउट प्लान स्वीकृत होना आवष्यक होगा;
8 आवास का मालिकाना हक पति व पत्नी दोनों के संयुक्त नाम में होगा;
9 हिताधिकारी आवास हेतु सहायता/अनुदान प्राप्त करने के उपरान्त 10 वर्ष तक निर्माण अथवा क्रय किए गए अथवा केन्द्र या राज्य सरकार की किसी आवास योजना के अन्तर्गत प्राप्त किये गये आवास का बेचान, एग्रीमेंट टू सेल या अन्य किसी भी प्रकार से नहीं कर सकेगा। यदि ऐसा किया जाता है तो अनुदान की राषि हिताधिकारी से पुनः वसूल की जाएगी;
10 यदि हिताधिकारी अथवा उसकी पत्नि/पति अथवा आश्रित पुत्र या पुत्री के नाम पर/मालिकाना हक में पहले से कोई आवास है तो ऐसे हिताधिकारी को इस योजना में अनुदान/सहायता देय नहीं होगी;
11 जिन हिताधिकारियों ने मण्डल की विद्यमान योजना के अन्तर्गत सहायता/अनुदान राशि प्राप्त की है अथवा जिनको विद्यमान योजना में अनुदान/सहायता राशि प्राप्त होती है अथवा जिन्हें इस (नयी) योजना में स्वयं के भूखण्ड पर आवास निर्माण के लिए अनुदान प्राप्त होता है, वे राज्य/केन्द्र सरकार की किसी आवास योजना में आवास अनुदान प्राप्त करने की पात्र नहीं होंगे;
12 हिताधिकारी को जीवनकाल में एक बार ही आवास अनुदान देय होगा अर्थात् मण्डल की विद्यमान योजना में आवास हेतु सहायता/अनुदान प्राप्त करने वाले हिताधिकारी इस योजना में आवास अनुदान प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे;
13 पति व पत्नि दोनों के हिताधिकारी होने की स्थिति में वे एक ही आवास के लिए अनुदान प्राप्त कर सकेंगे।



4. प्रसूति सहायता योजना

           योजन के फायदे –
हिताधिकारी महिला श्रमिक के पुत्री जन्म होने पर रूपये 21,000/- (शब्देन  इक्कीस हजार) तथा पुत्र जन्म होने पर 20,000/- (शब्देन बीस हजार) रूपये प्रसूति सहायता निर्धारित पात्रता व शर्तों के अनुसार दी जावेगी। जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत नकद लाभ प्राप्त न होने की दषा में रूपये 1,000/- (शब्देन एक हजार) अतिरिक्त सहायता देय होगी। (अधिसूचना दिनांक 16.11.2015 द्वारा प्रतिस्थापित एवं संषोधन 30.09.2015 से प्रभावी)।
                             आवेदन की प्रिक्रिया 
 
1 हिताधिकारी महिला श्रमिक द्वारा प्रपत्र ‘‘अ”  में स्थानीय जिला स्तरीय अधिकारी अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत किये जाने वाले विभाग के अन्य अधिकारी/अन्य विभाग के अधिकारी के  कार्यालय में आवेदन भरकर जमा कराया जावेगा। यह आवेदन प्रसूति उपरान्त 90 दिवस की समयावधि में किया जाना अनिवार्य होगा। उक्त अवधि पश्चात प्रसूति हितलाभ की पात्रता नहीं होगी। आवेदन निम्न दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत किया जाना आवष्यक होगाः-
  (i) हिताधिकारी का आयु संबंधी प्रमाण-पत्र
  (ii)संस्थागत प्रसव होने का प्रमाण-पत्र (अस्पताल का डिस्चार्ज टिकट)
(iii)जीवित बच्चों की संख्या बाबत घोषणा (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा संषोधित)।
2 स्थानीय श्रम विभाग के स्थानीय/जिला कार्यालयों अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी के कार्यालय में आवेदन प्राप्त होने पर आवेदन की जांच तथा सत्यापन किया जाकर अधिकृत अधिकारी द्वारा आवेदन का निस्तारण किया जावेगा तथा नियामानुसार देय सहायता राषि हितग्राही को रेखांकित चैक द्वारा दी जावेगी। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा संषोधित)।
3 मण्डल कार्यालय में आवेदन प्राप्त होने पर अर्पेिक्षत जांच पड़ताल के बाद सहायता राशि का भुगतान स्थानीय श्रम कार्यालय/मण्डल कार्यालय के माध्यम से रेखांकित बैंक ड््राफ्ट द्वारा हितग्राही को प्रेषित किया जाएगा। (अधिसूचना दिनांक        21.09.2015 द्वारा विलोपित)।
4 प्रसूति हितलाभ के सम्बन्ध मंे प्राप्त आवेदनों के भुगतान की स्वीकृति मण्डल के सचिव के अनुमोदन से की जाएगी तथा स्वीकृति के उपरान्त मण्डल कार्यालय/ निर्धारित सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार देय भुगतान हिताग्राहियों को प्रेषित किया जाएगा। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा विलोपित)।



                   पात्रता 
1 महिला श्रमिक अधिनियम की धारा 13 के अंतर्गत हिताधिकारी परिचय पत्रधारी हो।
2 प्रसव के समय महिला हिताधिकारी की आयु 20 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
3 प्रसूति हितलाभ अधिकतम दो बार के प्रसव हेतु ही देय होगा। पंजीयन से पूर्व दो या अधिक संतान होने की स्थिति में सहायता देय नहीं होगी तथा पंजीयन से पूर्व एक संतान होने पर एक ही प्रसव पर सहायता देय होगी। (अधिसूचना दिनांक   21.09.2015 द्वारा संषोधित)।
4 ऐसे निर्माण कर्मकार हिताधिकारी जो मण्डल की निधि में मासिक अभिदाय जमा करने की चूक (डिफाल्ट) करते हैं, उन्हें प्रसूति सहायता योजना के लाभ की पात्रता नहीं होगी।
5 पुनः मासिक अदायगी न करने की चूक का नियमानुसार पुनर्भरण करने पर निर्माण हिताधिकारी कर्मकार प्रसूति सहायता योजना के लाभ की पात्र होगी।
6 योजना के अन्तर्गत प्रसूति हितलाभ संस्थागत प्रसव पर ही देय होंगे। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा जोडा गया)।

5.  मेडिकल सहायता योजन –

इसमें इतना कुछ खास नहीं हैं।



6. हिताधिकारी की सामान्य अथवा दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने की दशा में सहायता योजना 2014

योजना के लाभ 
 
हिताधिकारी निर्माण श्रमिक की सामान्य मृत्यु अथवा दुर्घटना में (मृत्यु या घायल होने की दशा में) निम्नानुसार सहायता राशि दी जावेगीः-
 (1)दुर्घटना में मृत्यु होने पर रु. 5,00,000/-
 (2)दुर्घटना में स्थायी पूर्ण अपंगता होने पर रु. 3,00,000/- स्थायी पूर्ण अपंगता से तात्पर्य दुर्घटना में दो आंख या दोनों हाथ या दोनों पांव के अक्षम होने से है।
 (3)दुर्घटना में आंशिक स्थायी अपंगता होने पर रु. 1,00,000/- स्थायी आंशिक अपंगता से तात्पर्य एक आंख एक हाथ या एक पांव अक्षम होने से है।
  (4)दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल होने पर रु0 20,000/- तक दुर्घटना में गंभीर रुप से घायल होने से तात्पर्य हिताधिकारी के कम से कम 5  दिन तक अस्पताल में अन्तरंग रोगी के रुप में भर्ती रहने से है। गंभीर रुप से घायल होने का निर्धारण मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी प्रमाण-पत्र के आधार पर किया जावेगा। हड्डी टूटने की दशा में भर्ती होना आवश्क नहीं है केवल चिकित्सक दवारा कार्य करने में असमर्थता का प्रमाण पत्र ही पर्याप्त है
 (5)दुर्घटना में साधारण रुप से घायल होने पर रु0 5000/- तक साधारण रुप से घायल होने से तात्पर्य 5 दिवस से कम अवधि तक अस्पताल में अन्तरंग रोगी के रुप में भर्ती होने से है।
(6)हड्डी टूटने पर 2000 रु कम से कम 3 दिन तक  कार्य करने में असमर्थता का प्रमाण पत्र देय है
(7)हड्डी टूटने पर 4000रु 4 -7  दिन तक  कार्य करने में असमर्थता का प्रमाण पत्र देय है
(8)हड्डी टूटने पर 8000  रु  8 -14  दिन तक  कार्य करने में असमर्थता का प्रमाण पत्र देय है
(9)हड्डी टूटने पर 12000  रु  15 -21  दिन तक  कार्य करने में असमर्थता का प्रमाण पत्र देय है
(10)हड्डी टूटने पर 15000  रु  22 -29  दिन तक  कार्य करने में असमर्थता का प्रमाण पत्र देय है
(11)हड्डी टूटने पर 20000  रु  30  दिन या इससे अधिक कार्य करने में असमर्थता का प्रमाण पत्र देय है
(12)निर्माण श्रमिक की सामान्य मृत्यु होने पर 2,00000/-



आवेदन प्रिक्रिया 
(1) हिताधिकारी निर्माण श्रमिक की मृत्यु होने पर उसके नामिति/उत्तराधिकारी एवं घायल होने पर स्वयं हिताधिकारी संबंधित जिला श्रम कार्यालय में आवेदन (संलग्न प्रारुप) करेगा।
(2)
  (a)हिताधिकारी निर्माण श्रमिक की मृत्यु होने पर उसके नामिंत/उत्तराधिकारी को 10,000/-रु0 की अन्त्येष्टि सहायता आवेदन करने की दिनांक से 7 दिवस में दी जावेगी। यह राषि हिताधिकारी के आश्रित/नामिति को क्षतिपूर्ति के रूप मे दी जाने वाली राषि में से ही देय होगी। मृत्युु के उपरान्त संपन्न होने वाले सामाजिक रीतिरिवाजो एवं स्थानीय प्रथाओं के प्रति परिवार को जागरूक बनाए जाने को दृष्टिगत रखते हुए परिवार की परिस्थितियों पर विचार किया जाकर दुर्घटना में मृत्यु की दषा में देय क्षतिपूर्ति राषि को एफडी मे जमा करवाये जाने के बारे में श्रम विभाग के जिलास्तरीय कार्यालय मे पदस्थपित उच्चतम अधिकारी द्वारा विचार किया जायेगा।
  (b)मृत्यु की दषा में सहायता राषि जिस आश्रित/नामांकित व्यक्ति को देय है, उसके द्वारा इस आषय का एक शपथ-पत्र प्रस्तुत करना होगा कि प्राप्त राषि का उपयोग मृतक हिताधिकारी के सभी आश्रितों के हितार्थ किया जावेगा।
(3)हिताधिकारी के घायल होने पर सहायता राशि हिताधिकारी द्वारा आवेदन करने पर आवेदन  की पूर्तियां सही पाए जाने पर 7 दिवस में स्वीकृत कर दी जायेगी।
(4)हिताधिकारी की मृत्यु होने की दषा में सहायता प्राप्ति हेतु आवेदन मृत्य की तिथि से अधिकतम एक वर्ष की अवधि में स्वीकार्य होंगे। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा संषोधित)।
(5)हिताधिकारी द्वारा दुर्घटना में घायल होने की दषा में सहायता प्राप्ति हेतु आवेदन दुर्घटना तिथि या अस्पताल से डिस्चार्ज होने की तिथि से अधिकतम 6 माह में किया जा सकेगा। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा संषोधित)।
(6)हिताधिकारी की मृत्यु की दषा में, नियमित अंषदान जमा कराने की निर्धारित एक वर्ष की समय सीमा से 90 दिन तक का विलम्ब होने तक, योजना की अन्य शर्तें पूरी होने पर सहायता दी जा सकेगी। यह षिथिलता भूतलक्षी प्रभाव से अर्थात् योजना प्रारंभ होने की तिथि से, ऐसे मामलों में भी लागू होगी, जिनमेें आवेदन अंषदान जमा नहीं होने के कारण अस्वीकृत कर दिये गये हैं अथवा विचाराधीन है। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा जोडा गया)।



योजना की पात्रता 
(1) 18 से 60 वर्ष की उम्र के निर्माण श्रमिक इस योजना के लिए पात्र होगें।
(2) हिताधिकारी निर्माण श्रमिक जिनका धारा 12 के अन्तर्गत मण्डल में पंजीयन हो चुका है और जो अपना अंशदान नियमित रुप से जमा करवा रहे है। हिताधिकारी की मृत्यु की दषा में, नियमित अंषदान जमा कराने की समय-सीमा में 3 माह की शिथिलता होगी। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा संषोधित)।

7.  शुभशक्ति योजना

      फायदे 
इस योजना के अन्तर्गत पात्र महिला हिताधिकारियों तथा हिताधिकारियों की वयस्क व अविवाहिता पुत्री को 55,000 रूपये (शब्देन पचपन हजार रूपये) प्रोत्साहन/सहायता राशि देय होगी।
आवेदन प्रिक्रिया 
1 हिताधिकारी द्वारा विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करना होगा| अधिकृत स्वीकृतकर्ता
 अधिकारी को आवेदन स्वीकृति से पूर्व भौतिक सत्यापन रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करना आवश्यक होगा|
2 आवेदन पत्र ऑनलाइन भी प्रस्तुत किया जा सकेगा।
3 आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की समयावधि- आवेदन पत्र हिताधिकारी द्वारा पंजीयन की तिथि से एक वर्ष की  अवधि पूरी होने के पश्चात् तथा अविवाहिता पुत्री की आयु 18 वर्ष पूर्ण होने की तिथि से 6 माह की अवधि में अथवा योजना लागू होने की तिथि से 6 माह की अवधि में, जो भी लागू हो, प्रस्तुत किया जा सकेगा।
4 उपरोक्तानुसार आवश्यक दस्तावेजों सहित प्रस्तुत आवेदन पत्रों के परीक्षण उपरांत स्थानीय श्रम कार्यालय के वरिष्ठतम अधिकारी अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी/अन्य विभाग के अधिकारी द्वारा स्वीकृति जारी कर प्रोत्साहन/सहायता राशि महिला हिताधिकारी अथवा हिताधिकारी की अविवाहिता पुत्री के बैंक खाते में इलैक्ट्रोनिक माध्यम (आरटीजीएस/एनईएफटी) से अथवा अकाउण्ट पेयी चैक के माध्यम से जमा कर भुगतान की जायेगी।



पात्रता 
1 लड़की के पिता या माता अथवा दोनों, कम से कम एक वर्ष से मण्डल में पंजीकृत हिताधिकारी/निर्माण श्रमिक हों;
2 हिताधिकारी की अधिकतम् दो पुत्रियों अथवा महिला हिताधिकारी को और उसकी एक पुत्री को प्रोत्साहन राशि देय होगी;
3 महिला हिताधिकारी अविवाहिता हो अथवा हिताधिकारी पुत्री की आयु न्यूनतम् 18 वर्ष पूर्ण हो गई हो तथा वह अविवाहिता हो;
4 हिताधिकारी की पुत्री/महिला हिताधिकारी कम से कम 8वीं कक्षा उर्त्तीण हो;
5 हिताधिकारी की पुत्री/महिला हिताधिकारी के नाम से बचत बैंक खाता हो;
6 हिताधिकारी का स्वयं का आवास होने की स्थिति में, आवास में शौचालय हो;
7      आवेदन की तिथि से पूर्व के एक वर्ष की अवधि में हिताधिकारी कम से कम 90 दिन निर्माण श्रमिक के रूप में कार्यरत रहा हो;
8 प्रोत्साहन राशि हिताधिकारी के निर्माण श्रमिक होने भौतिक सत्यापन की शर्त पर देय होगी| पात्रता का सत्यापन मंडल सचिव द्वारा निर्देशित अधिकारीयों /              निरीक्षकों/ कर्मचारियों द्वारा निर्धारित प्रपत्र में किया जायेगा ;
8     प्रोत्साहन राशि का उपयोग महिला हिताधिकारी/पुत्री के विवेक के अनुसार आगे शिक्षा या व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने, स्वयं का व्यवसाय प्रारम्भ करने, कौशल
विकास प्रशिक्षण प्राप्त करने आदि में तथा स्वयं के विवाह हेतु उपयोग में लिया जाएगा (स्वयं का व्यवसाय प्रारम्भ करने या कौशल विकास करने या व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त
करने के लिए लड़की को उचित परामर्श प्रदान किया जाएगा);
9     योजना का हितलाभ प्राप्त करने के लिए हिताधिकारी द्वारा निर्धारित प्रपत्र में आवेदन, पंजीकृत हिताधिकारी के रूप में एक वर्ष पूरा होने के पश्चात्, प्रस्तुत किया
जाएगा। परन्तु यह आवश्यक होगा कि योजना का आवेदन प्रस्तुत करने के समय हिताधिकारी का परिचय-पत्र वैध/एक्टिव हो;
10     जिन लड़कियों के लिए हिताधिकारियों को पूर्व में मण्डल की विवाह सहायता योजना के अन्तर्गत सहायता प्राप्त हो चुकी है, उन्हें इस योजना में सहायता देय नहीं
होगी।

8.  निर्माण श्रमिक औजार/टूलकिट सहायता योजना

           फायदे 
 
निर्माण श्रमिक द्वारा अपने कार्य या व्यवसाय से सम्बंधित औजार/टूलकिट खरीदने पर 2 हज़ार रुपये अथवा वास्तविक औजार/टूलकिट का क्रय मूल्य, जो भी कम हो, का पुनर्भरण
आवेदन प्रिक्रिया
1 हिताधिकारी द्वारा योजना के अन्तर्गत निर्धारित आवेदन-पत्र (प्रपत्र-1) में आवेदन पत्र भरकर स्थानीय श्रम कार्यालय अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी अथवा अन्य विभाग के अधिकारी के कार्यालय में निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत करना होगा।
2  आवेदन पत्र ऑनलाइन भी प्रस्तुत किया जा सकेगा।
3 आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की समयावधि- आवेदन पत्र, अंशदान या प्रीमियम राशि हिताधिकारी के बैंक बचत खाते से कटौति किये जाने के वित्तीय वर्ष की समाप्ति से, एक वर्ष की अवधि में किया जा सकेगा।



योग्यता 
1. 3 वर्ष से पंजीकृत निर्माण श्रमिक हो|
2. स्वंय के कार्य या व्यवसाय से सम्बंधित टूलकिट/औजार खरीदने पर ही राशी देय|
3. औजार/टूलकिट की खरीद स्वंय निर्माण श्रमिक द्वारा की जाएगी तथा बिल आवेदन के   साथ सलंगन करना आवश्यक|
तो दोस्तो ये थी श्रमिक कार्ड स्व होने वाले फायदों की कुछ बातें उम्मीद ह जानकारी आपको काफी पसंद आयी होगी।
अगर इसके बारे में आपको कुछ और जानकारी चाहिए तो आप हमे निचे कमेंट करके बता सकते हो।

थन्यवाद।

Tags: Shrmic card, labour card, labour dipartment, labour card benofit in hindi, Royal Group….

लेबर काड शे कया फायदा, shramik card ke labh in hindi , shramik card ke fayde rajasthan me 

Royal Group

Royal Group

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

11 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
Unknown
3 years ago

6. हिताधिकारी की सामान्य अथवा दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने की दशा में सहायता योजना 2014 का फ्रॉम केसे ऑनलाइन करे

Unknown
4 years ago

Samany miratu ke pese mil sakate h kya 2010ki h ji

Unknown
4 years ago

Sarmik card ke labh kya

Unknown
4 years ago

Very good

surya prakash
4 years ago

Koi labh milta hi nhi h ji m poor family se belong krta hu ji or m . FINAL M AA GYA hu har bar scholarship form lgaya h ji kisi bar bhi nhi aaye rupye kabhi sendback aa jata h too kabhi aage se rupye dalte nhi h

surya prakash
4 years ago

Koi labh milta hi nhi h ji m poor family se belong krta hu ji or m . FINAL M AA GYA hu har bar scholarship form lgaya h ji kisi bar bhi nhi aaye rupye kabhi sendback aa jata h too kabhi aage se rupye dalte nhi h

Unknown
4 years ago

Shivraj

Unknown
4 years ago

Sramik cad

Unknown
4 years ago

Jo bhi seva ho is no pr 6387800028 pr di Jaye

Unknown
4 years ago

Jo bhi seva ho is yojna Ki vo hme is no 6387800023 pr di Jaye

trackback

[…] फायदों के बारे में बताया था। पढ़ें – श्रमिक कार्ड कैसे बनाये। उसको ध्यान में रखते हुए नया […]

11
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x